लॉक डाउन – लेख 5
प्रधानमंत्री जी का मन की बात में संबोधन “ मेरे प्यारे देश वासियों आम तौर पर मन की बात, उसमें मै कई विषयों को लेकर के आता हूँ| लेकिन आज देश और दुनिया के मन में सिर्फ और सिर्फ एक ही बात है कोरोना वैश्विक महामारी से आया हुआ ये भयंकर संकट| ऐसे में मै कुछ और बाते करूँ वो उचित नहीं होगा लेकिन सबसे पहले मै सभी देशवासियों से क्षमा मांगता हूँ और मेरी आत्मा कहती है कि आप मुझे जरुर क्षमा करेंगे| क्योंकि कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़े हैं जिसकी वजह से आपको कई तरह की कठिनाइयाँ उठानी पड़ रही हैं| खासकर के मेरे गरीब भाई बहनों को देखता हूँ तो जरुर लगता है कि उनको लगता होगा कि ऐसा कैसा प्रधानमंत्री है कि हमें इस मुसीबत में डाल दिया| उनसे मै विशेष रूप से क्षमा मांगता हूँ| हो सकता है बहुत से लोग मुझसे नाराज़ भी होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रहे हो| मै आपकी दिक्कतें समझता हूँ आपकी परेशानी भी समझता हूँ लेकिन भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिये ये कदम उठाये बिना कोई रास्ता नहीं था| कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है और इस लड़ाई में हमें जीतना है और इसीलिए ये कठोर कदम उठाने बहुत आवश्यक थे| किसी का मन नहीं करता है ऐसे क़दमों के लिये लेकिन दुनिया के हालत देखने के बाद लगता है कि यही एक रास्ता बचा है| आपको, आपके परिवार को सुरक्षित रखना है| मै फिर एक बार आपको जो भी असुविधा हुई है, कठिनाई हुई है इसके लिये क्षमा मांगता हूँ|
प्रधानमंत्री जी ने मन की बात में कोरोना से जंग जीतने वाले योद्धाओं से बात की| प्रधानमंत्री जी ने श्री रामगम्पा तेजा जी और आगरा के अशोक कपूर जी से बात की और उनके अनुभव को साझा किया| राम गम्पतेजा जी जो कि एक आईटी प्रोफेशनल हैं| काम की वजह से दुबई गए थे| जाने अनजाने में वे कोरोना से संक्रमित हो गए | जब उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दिए तो पहले उन्होंने अपना टेस्ट कराया जिसमे उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई| उसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट किया गया और 14 दिन के बाद ठीक हो जाने पर डॉक्टर्स ने उन्हें डिस्चार्ज कर दिया| डिस्चार्ज होने के बाद भी वे कुछ दिन सेल्फ क्वारंटाइन में ही रहे| अशोक कपूर जी का पूरा परिवार इस संकट में फंस गया था| उनके बेटे इटली फेयर में गए थे जहाँ वे दोनों इन वायरस के संक्रमित हो गए| जब उनके पूरे परिवार की जांच की गयी तो 6 लोग पॉजिटिव पाये गये| पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी| उन्होंने डॉक्टर्स और नर्सेज के द्वारा बताये गए सभी नियमों का पालन किया और सभी लोगों ने कोरोना को मात दे दी| प्रधानमंत्री जी ने दोनों कोरोना सर्वाइवर से कोरोना महामारी के प्रति सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की अपील की|
प्रधानमंत्री जी ने कोरोना से इस जंग में पहली कतार में खड़े होकर इस बीमारी से लड़ने वाले जांबाज़ डॉक्टर्स से भी बात की| प्रधानमन्त्री जी ने डॉक्टर नितीश गुप्ता और डॉक्टर बोरसे से बात की और उनके अनुभव को साझा किया| कोरोना महामारी को कैसे परस्त किया जा सकता है किस प्रकार से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है इस बारे में उन्होंने विस्तार से बताया| डॉक्टर नितीश गुप्ता जी ने बताया कि कोरोना से इस जंग में उन्हें जिस चीज की जरुरत पड रही है वह सरकार के द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है| पर क्या देश के हर डॉक्टर और नर्स को कोरोना से लड़ने के लिये जरुरी सुविधाएँ उपलब्ध करायी जा रही हैं? ppe किट की जितनी आवश्यकता है क्या उतनी किट डॉक्टर्स को मुहैया करायी जा रही हैं? आगरा के जिला अस्पताल में डॉक्टर्स को कोरोना से बचाव के लिये पॉलिथीन का इस्तेमाल करते हुए देखा गया है| इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आगरा की स्वास्थ्य टीम किन हालातों में कोरोना से जंग लड़ रही है| KGMU लखनऊ के डॉक्टर्स ने पत्र लिख कर कहा है कि एक दिन की सेलरी ले लो , सुरक्षा किट दे दो| वहीँ देश के सबसे बड़े हॉस्पिटल एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ आदर्श प्रताप सिंह ने एम्स के डायरेक्टर डॉ गुलेरिया को चिठ्ठी लिखी| चिठ्ठी में उन्होंने ppe पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट और मास्क की कमी की बात की है| इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के नर्सिंग स्टाफ ने सोशल मीडिया के माध्यम से विडियो के जरिये बताया कि प्रबंधन के द्वारा ना तो उन्हें ppe किट उपलब्ध करायी गयी है और ना ही उन्हें कोई ट्रेनिंग दी गयी है| विडियो में यह भी बताया गया कोरोना का पहला केस आने के मात्र 2 घंटे पहले आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया था| इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि डॉक्टर्स कितने भयावह माहौल में इस वैश्विक महामरी से जंग लड़ रहे हैं|
प्रधानमंत्री जी ने लॉक डाउन कि वजह से लोगों को हो रही परेशानी के लिये माफ़ी मांगी| मै सभी देशवासियों से क्षमा मांगता हूँ और मेरी आत्मा कहती है कि आप मुझे जरुर क्षमा करेंगे| क्योंकि कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़े हैं जिसकी वजह से आपको कई तरह की कठिनाइयाँ उठानी पड़ रही हैं| खासकर के मेरे गरीब भाइ बहनों को देखता हूँ तो जरुर लगता है कि उनको लगता होगा कि ऐसा कैसा प्रधानमंत्री है कि हमें इस मुसीबत में डाल दिया| उनसे मै विशेष रूप से क्षमा मांगता हूँ| पर क्या प्रधानमन्त्री जी को लॉक डाउन करने के लिये मांफी मांगनी चाहिए ? नहीं| क्योंकि इस महामारी के बारे में जो भी जानकारियां प्राप्त हुई वह काफी देर से प्राप्त हुई| जिसके कारण यह बीमारी बुरी तरह से फ़ैल चुकी थी तथा लॉक डाउन करना जरुरी हो गया था| बेहतर होता अगर प्रधानमंत्री जी देश के उन सभी डॉक्टर्स से माफ़ी मांगते जो इस जंग में बिना सुरक्षा उपकरणों के मैदान में डंटे हुए हैं|
भारत सरकार ने आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द ppe किट और मास्क की कमी को दूर कर दिया जायेगा| उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार के द्वारा जल्द से जल्द ppe किट और मास्क की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था कर दी जाएगी ताकि कोरोना से जंग लड़ रहे योद्धाओं के हौंसले कमजोर ना हों|