जनता कर्फ्यू
तारीख 19 मार्च, 2020. समय रात 8 बजे | भारत के प्रधानमन्त्री जी ने टेलीविज़न पर आकर दुनिया भर में फ़ैल रही कोरोना महामारी से जंग लड़ने के लिये भारतीयों को संबोधित किया| उन्होंने अपने संबोधन में कहा- “मै आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूँ| ये है जनता कर्फ्यू| जनता कर्फ्यू यानी जनता के लिये जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू| इस रविवार यानी 2 दिन के बाद 22 मार्च रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है| इस जनता कर्फ्यू के दरमियान कोई भी नागरिक घरों से बाहर ना निकलें, न सडक पर जाएँ, न मोहल्ले में या सोसाइटी में इकट्ठे हों| अपने घरों में ही रहें| हाँ, जो आवश्यक सेवाओं से जुड़े हुए हैं, उनको तो जाना ही पड़ेगा, क्योंकि उनका बहुत बड़ा दायित्व होता है| लेकिन एक नागरिक के नाते, हम देखने को भी ना जाएँ| साथियों 22 मार्च को हमारा ये प्रयास हमारे आत्म संयम देश हित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक मजबूत प्रतीक होगा| 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव हमें आने वाले चुनौतियों के लिये तैयार करेंगे| मै देश की सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह करूँगा कि वो जनता कर्फ्यू का पालन करने का नेतृत्व करें| प्रधानमंत्री जी नेएक दिन के लॉक डाउन का जो निर्णय लिया है, क्या वह सही समय पर लिया गया है? क्योंकि भारत में कोरोना से संक्रमित पहला केस 30 जनवरी को मिला था| क्या सिर्फ एक दिन के लॉक डाउन से इस महामरी को ख़त्म किया जा सकता है?
अपने भाषण में प्रधानमंत्री जी ने कोरोना महामारी की भयावहता और उससे बचने के बारे में विस्तार से बताया | इस संबोधन का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस महामारी के प्रति जागरूक करना था| उन्होंने सबसे अधिक जोर सोशल डिस्टेंसिंग पर डाला| इस महामारी को फैलने से रोकने का एक मात्र तरीका सोशल डिस्टेंसिंग ही है, क्योकि विज्ञान अभी तक इस महामारी को ख़त्म करने के लिये कोई भी वैक्सीन नहीं खोज पाया है| प्रधानमन्त्री जी ने यह भी आग्रह किया था कि इस महामारी से जंग लड़ने में मदद करने वाले डॉक्टर्स, नर्सेज, हॉस्पिटल स्टाफ, सफाई कर्मचारी, एयरलाइन्स के कर्मचारी, सरकारी कर्मचारी, पुलिस कर्मी, रेलवे, बस की सेवाओं से जुड़े कर्मचारी, होम डिलीवरी करने वाले कर्मचारी आदि लोगों का हौसला बढ़ाने के लिये शाम को 5 बजे सभी नागरिक अपने घर के दरवाजे , खिड़की , बालकनी, या छत पर आकर के तालियाँ बजाएं | प्रधानमन्त्री जी की यह सोच बहुत ही सराहनीय है| क्योकि ये सभी वो लोग हैं जो इस महामारी में भी अपना दायित्व बिना डरे पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं|
प्रधानमंत्री जी ने देश वासियों से जो समर्थन माँगा, उसमें सभी नागरिकों ने चाहे वो कारोबारी हों , नौकरी वाले हों, अमीर हों, या गरीब हों, सभी ने जनता कर्फ्यू स्वयं पर लागू किया और इसे सफल बनाने की पूरी कोशिश की| जनता कर्फ्यू को सफल बनाने में सबसे अधिक योगदान पुलिस का रहा| प्रधानमंत्री जी के आग्रह के तुरंत बाद पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी और पूरी सुरक्षा के साथ साथ अपने डंडे को भी sanitizer किया| पुलिस ने sanitized डंडे की मदद से उन सभी मूर्खों की तशरीफ़ को मार मार कर लाल कर दिया जो कि जनता कर्फ्यू को देखने बाहर निकले थे| जनता कर्फ्यू सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक तो सही चलता रहा लेकिन शाम को 5 बजते ही मूर्खों ने अपनी मुर्खता का प्रमाण दे दिया | मूर्खों ने हमारे प्रधानमन्त्री जी के आग्रह की धज्जियाँ उड़ा कर रख दी| सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक बना कर रख दिया| सैकड़ों की संख्या में लोग अपने घरों से बहार निकल कर सड़क पर आ गए| जनता कर्फ्यू की कामयाबी का जश्न मनाने वालों की भी कोई कमी नहीं थी| लेकिन वे ये बात भूल गए कि जनता कर्फ्यू शाम को 9 बजे तक था| जनता की मुर्खता के कारण जनता कर्फ्यू वास्तिक रूप से कामयाब नहीं हो पाया|
कोरोना महामारी का अभी तक सभी देशवासियों ने मजाक बना रखा है| उन्हें इस महामारी की भयावहता को समझना होगा| केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के द्वारा जारी किये गए दिशा निर्देशों का पालन करना होगा| अन्यथा की स्तिथि में जो भयावह स्थिति चीन और इटली में उत्पन्न हुई है उससे भी अधिक भयावह स्थिति भारत में उत्पन हो जाएगी क्योकि चीन और इटली जैसे देश तो हर तरह से संपन्न हैं लेकिन भारत के पास संसाधन की अत्यधिक कमी है|